बिभूति नारायण राय ने
"छिनाल" शब्द का
प्रयोग कर दिया,
और रातो रात
अपने आप को
प्रसिद्ध कर दिया.
पहली बार टी.वी में
राहुल महाजन नहीं बल्कि ,
साहित्य में चर्चा हो रही थी.
कुछ महिलाएं
न्यूज़ चैनेल में रो रही थी.
कि इस राय ने
बहुत घृणित काम किया है
अपने एक लेख में
औरतों को एक
नया नाम दिया है.
हमने सोचा लो
एक छोटे से शब्द ने
राय को काबिल बना दिया.
अक्ष के छितिज को
साहिल बना दिया.
अब अगर प्रसिद्ध होना है,
तो तुम गालियाँ लिखो.
और जितना चाहते हो उतना
साहित्य के बाज़ार में बिको.
पर भाई हम चांसलर नहीं है,
जो किसी पत्रिका में
लेख लिख सके.
और ना ही ब्लागस्पाट में
मेरे इतने पढने वाले है
जो हम भी
चर्चा मंच में दिख सके.
हमें तो कमेन्ट भी
तब मिलते है जब
हम दूसरो को दे आते है.
और क्या पता वो भी
हमारा बदला चुकाने को,
बिना पढ़े "बहुत सुन्दर"
लिख कर चले जातें है.