Wednesday, December 15, 2010

तुम कौन हो?










तुम कौन हो?
         जो मुझे जगाती हो,
तुम कौन हो?
          जो मुझे जगा, खुद खो जाती हो,
तुम कौन हो?
          आँखों में पानी कि तरह, छलक आती हो.
तुम कौन हो? 
           जो हर पल, साथ मेरा निभाती हो.
तुम कौन हो?
            जो मुझ में लगने  वाले आरोप, ख़ुद सह जाती हो,
तुम कौन हो?
            जो मुशकिल समय में, मुझे समझाती हो,
तुम कौन हो?
             जिसे में श्रेय  नहीं देता, फिर भी  खुश  हो जाती हो ,
तुम कौन हो?
            जो मुझे कमझोर छण में, ताकत दे जाती हो.
तुम कौन हो?
            जब ये पुछा, मेने सबसे
                           उत्तर सुनकर, सोच रहां हूँ में तबसे,
क्योंकि कोई तुझे बहम, कोई कहता, हवा है.
                  कोई कुछ भी कहे,मुझे पता है, माँ, ये तेरी दुआ है,
माँ तेरी दुआ है................