Wednesday, June 16, 2010

कुछ सवाल

कुछ सवाल जो मुझे झिंझोड़ते  है:-
१) यदि आत्मा अमर है, ना वो जन्म लेती है, ना वो मरती है. तो जनसख्या क्यों बढ़ रही है? नयी जनसख्या के लिए आत्मा कहाँ से आ रही है.

२) भगवान् ने भारत में ही जन्म  क्यों लिया?क्या पूरी पृथ्वी उनकी नहीं है?

३) यदि भगवान् ने प्रक्रति कि रचना कि है तो, अपने प्रिय स्थान(भारत) को प्राकृतिक सम्पदा से क्यों दूर रखा. सोना दक्षिण अफ्रीका, हीरा कनाडा, खनिज तेल खाड़ी देश और भारत को कोयला और अब्रक और  पता नहीं क्या क्या?

४) यदि हमारी संस्कृति दुनिया में सबसे अच्छी है तो.लोग इससे दूर क्यों जा रहे है? और कुछ एक संस्कृति के ठेकेदारों को डंडा लेकर इसकी रखवाली क्यों करनी पड़ती है?

५) क्या सिर्फ 'मेरा भारत महान" कहने से भारत महान हो जायेगा.

६) मन कहाँ होता है, शारीर में?

७) विज्ञानं हर चीज को सिद्ध करता है. लेकिन भगवान् के लिए ये क्यों कहा जाता है कि ये सृधा है.

बाकी सवाल अगली पोस्ट में............................

7 comments:

माधव( Madhav) said...

ये कशमकश मेरे पापा को भी परेशान करती है, पर कया करे कुछ सवाल ऐसे होते है जिनके जबाब नहीं होते है ----


जिंदगीभर ढूंढता रहा,
तलाश मेरी ख़त्म न हुई।
जिंदगीभर क्या ढूंढता रहा,
यही मुझको खबर न हुई।

सहज समाधि आश्रम said...

प्रिय अनूप जी आपके प्रश्नो का उत्तर टिप्पणी रूप में देना
संभव नही था । इसलिये ब्लाग पर पोस्ट के रूप में दे रहा हूँ ।

सहज समाधि आश्रम said...

प्रिय अनूप जी आपके प्रश्नो का उत्तर टिप्पणी रूप में देना
संभव नही था । इसलिये ब्लाग पर पोस्ट के रूप में दे रहा हूँ ।

Harshvardhan said...

anoop ji, blog par pichli post meri adhoori rah gayi thii ab post poori ho gayi hai use pade

लोकेन्द्र सिंह said...

सबके जवाब हैं... खुद ढूंढो मिल जाएंगे।
आत्माएं योनि तो बदलती हैं।
आप वहीं जाते हो न जहां आपको प्यार करने वाले लोग रहते हैं न कि वहां जहां सब खुद में खोए रहते हैं।
भारत के पास जो था वो किसी के पास नहीं। इसीलिए सोने की चिडिय़ा कहते हैं। वो क्या था खुद ढूंढ लो।
और हां विज्ञान अभी बहुत चीजों के बारे में हाथ खड़े कर देता है।

ZEAL said...

vichaarniya prashn..

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

इस लड़के में बस एक ही कमी है!
सवाल बहुत पूछता है!
भई मेरे जैसे छिछले आदमी के पास इनका कोई जवाब नहीं! हम तो इसी उधेड़बून में लगे रहते हैं, के रात को तो खा लिया बच्चू, सुबह क्या पकाओगे, क्यूंकि इट्स टफ टू बी ए बैचलर! हा हा हा.....