बिभूति नारायण राय ने
"छिनाल" शब्द का
प्रयोग कर दिया,
और रातो रात
अपने आप को
प्रसिद्ध कर दिया.
पहली बार टी.वी में
राहुल महाजन नहीं बल्कि ,
साहित्य में चर्चा हो रही थी.
कुछ महिलाएं
न्यूज़ चैनेल में रो रही थी.
कि इस राय ने
बहुत घृणित काम किया है
अपने एक लेख में
औरतों को एक
नया नाम दिया है.
हमने सोचा लो
एक छोटे से शब्द ने
राय को काबिल बना दिया.
अक्ष के छितिज को
साहिल बना दिया.
अब अगर प्रसिद्ध होना है,
तो तुम गालियाँ लिखो.
और जितना चाहते हो उतना
साहित्य के बाज़ार में बिको.
पर भाई हम चांसलर नहीं है,
जो किसी पत्रिका में
लेख लिख सके.
और ना ही ब्लागस्पाट में
मेरे इतने पढने वाले है
जो हम भी
चर्चा मंच में दिख सके.
हमें तो कमेन्ट भी
तब मिलते है जब
हम दूसरो को दे आते है.
और क्या पता वो भी
हमारा बदला चुकाने को,
बिना पढ़े "बहुत सुन्दर"
लिख कर चले जातें है.
15 comments:
कुलपति का बयान निश्चित रूप से साहित्यप्रेमियों में आक्रोश भरता है। कुलपति को ऐसे शब्दों से परहेज करना चाहिए था। कुलपति के मुताबिक यदि साहित्य का स्तर गिरा था तो उन्होंने गाली देकर तो मर्यादा ही तार-तार कर दी।
ये प्रसिद्ध नहीं बल्कि कुख्यात हो गए है... वैसे मरे शहर में इस समय पुस्तक मेला लगा है... इनके इस कांड के कारन ज्ञानोदय खूब बिक रही है.....
एक शेर की कुछ पंक्तियां याद आ रही है
"बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा"
एक बेहतरीन रचना
काबिले तारीफ़ शव्द संयोजन
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्तिक्या कहने साहब
जबाब नहीं निसंदेह
यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति हैमजा आ गया
जितनी तारीफ़ की जाय कम हैsatguru-satykikhoj.blogspot.com
@ sangeeta ma'm aapki salah sar aankho par. proceed.........
behtreen rachna....
Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Naani ki sunaai wo kahani..
Banned Area News : Now, use Botox to zap that horrendous migraine
अभिव्यक्ति सुन्दर और कुछ सोचने को मजबूर करती है
में सिर्फ बहुत सुंदर कहने नहीं आई हूँ. लेकिन ये सच में बहुत अच्छा लिखा हें तो क्या कहूँ.
अभी किसी को मैंने कमेन्ट दिया था इसी छिनाल शब्द पर की आज तक सुना था एक सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री की हाथ होता है. लेकिन अब देख रहे हैं की लोग अपनी पुब्लिसिटी के लिए स्त्री को केन्द्र बिंदु बना कर कुछ भी कहने से नहीं चूकते लेकिन उका उद्देश्य पूरा हो जाता हें ना पुब्लिसिटी का.
sampratik kavita......aapne sahi samay par apne bhavon ko abhivyakt kiya...sadhuwaad...
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मैं आई तो थी आपका शुक्रिया अदा करने ही :) पर सच तो यह है कि वाकई बहुत अच्छा लिखा है आपने सच को बहुत सहजता से और खूबसूरती से उकेरा है .
lo gali ke bare me likhne par me bhi prashid ho gaya.....
anoop ji
ye gltfhmi aap mn se nikal do ki galiya prsiddh bnati hai our aapki is post ko dekhne kebad aap prsiddh hogye
bhai ! aapko phle bhi log mn se mnn krte the our aage bhi mn se mnn krenge kyo ki aapme apni bat khne ka bhrpoor madda hai our aap bhut achchha likhte hai . ek safgoi hai aapke lekhn me.isi disha me aage bdte rhiye aap jis uchai ko chhoona chahte hai usme jroor sfl honge .
shubhkamnao shit .
anoop ji
ye gltfhmi aap mn se nikal do ki galiya prsiddh bnati hai our aapki is post ko dekhne kebad aap prsiddh hogye
bhai ! aapko phle bhi log mn se mnn krte the our aage bhi mn se mnn krenge kyo ki aapme apni bat khne ka bhrpoor madda hai our aap bhut achchha likhte hai . ek safgoi hai aapke lekhn me.isi disha me aage bdte rhiye aap jis uchai ko chhoona chahte hai usme jroor sfl honge .
shubhkamnao shit .
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