Tuesday, November 23, 2010
गद्दारी धार्मिक नहीं होती है .
यह कविता मेने बहुत पहले लिखी थी, लेकिन फिर से रवि इन्दर सिंह का
प्रकरण के बाद, दुबारा प्रकाशित कर रहा हूँ.
माधुरी गुप्ता (और अब रवि इन्दर सिंह) की खबर, कल मेने अखबार में पढ़ी.
भावनाए आक्रोश की, अन्दर ही अन्दर इस तरह गढ़ी,
की सबकुछ कम लगने लगा.
हर आई ऍ एस ऑफिसर गदार दिखने लगा.
फिर माँ की, पांचो अंगुली सामान नहीं, वाली बात याद आ गयी.
और पता नहीं किस का, लेकिन क्रोध मत करो, वाली वाणी, मन को भा गयी.
फिर सोचा वो कौन सी मज़बूरी थी, जिससे वो गदार हो गए?
ऐंसा क्या दिया पाकिस्तान ने, जो उनके कदर दार हो गए?
क्यों की गद्दारी का तमका तो, कुछ पार्टियों ने, कुछ बिशेष धर्म वालो को दिया है .
आज हिन्दू और सिख धर्म के गदार निकल गए,
तो अब क्यों उन्होंने अपना मुख सिया है?
मुझे नहीं पता की इन खबरों में कितनी सचाई है.
पर पीठ तो, बड़े बड़े महपुरशो ने भी दिखाई है.
बस हमें पता नहीं चलता है.
ईमान धर्म देख के नहीं,नियत देख कर बदलता है.
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7 comments:
क्यों की गद्दारी का तमका तो, कुछ पार्टियों ने, कुछ बिशेष धर्म वालो को दिया है
इसे स्पष्ट करें फिर मैं उत्तर दूंगा..
माधवी गुप्ता जैसे लोग , हिंदुत्व , नारीत्व तथा भारतीयता के नाम पर कलंक हैं।
इनकी कमजोरियों को धर्म से न जोड़ा जाये, ये तो स्वयं को ही धारण नहीं कर पाये।
@Bhartiya nagrik sir aur pravin g mene sirf batane ki kosis ki hai ki hai ki gadari dharmik nahi hoti.
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ऐसे लोग अपने परिवार को ही नहीं, पूरे देश को कलंकित करते हैं ! शुभकामनायें
ऐसी गद्दारी की सजा मौत !
ब्लागजगत में आपका स्वागत है. शुभकामना है कि आपका ये प्रयास सफलता के नित नये कीर्तिमान स्थापित करे । धन्यवाद...
आप मेरे ब्लाग पर भी पधारें व अपने अमूल्य सुझावों से मेरा मार्गदर्शऩ व उत्साहवर्द्धऩ करें, ऐसी कामना है । मेरे ब्लाग जो अभी आपके देखने में न आ पाये होंगे अतः उनका URL मैं नीचे दे रहा हूँ । जब भी आपको समय मिल सके आप यहाँ अवश्य विजीट करें-
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