Wednesday, March 24, 2010

अस्मियता

में खबरों में रोज म फ हुसैन की क़तर की नागरिकता स्वीकार करने के बारे में कुछ न कुछ सुन रहा था। बहुत कह रहे थे गलत हुआ इतना शानदार पेंटर को कुछ हिन्दू तत्वों ने भारत से दूर जाने में मजबूर कर दिया। में भी यही मानता था। लेकिन आज मेने जब युटूब में हुसैन की पेंटिंग देखि तो में हिल के रह गया.इतनी घिरणा कोई किसी से कैंसे कर सकता है।अगर ये पेंटर की स्वतन्त्रता है तो उसने सिर्फ हिन्दू देवी देवता के ही चित्र क्यों बनाये? सीता, लक्ष्मी, दुर्गा , गंगा , हनुमान, सबको नग्न वो भी कामुकता दर्शा कर। हद है ऐंसी क्या मज्बोरी थी हुसैन की ?अगर किसी भी धर्म का ये तस्वीर देखेगा तो कभी भी बर्दास्त नहीं कर पायेगा।पर वो अपने विवेक से काम ले। ये हिन्दुओं की अस्मियता पर ठेस नहीं है, पर सभी भारतवासी की अस्म्यिता पर ठेस है। हुसैन साब वही ठीक है । और यदि कभी जहा आप गए वहां यहाँ जैंसी हरकत की तो शायद वो आपको हम जैंसे माफ़ न कर पाए। इसलिए कृपा कर के बाकी काजीवन आराम से बिताये। में उन सभी देवी देवता से आपको सध्बुधि देने और खुस्माया जीवन की कमाना करूँगा । जिनकी आपने नग्न पेंटिंग बनायीं है। समझ नहीं आता हम स्वतंत्रता के नाम पर सब कर सकते है ?

कसक

हाथ में मोबाइल , कान में इअरफ़ोन लगाये एक लड़का आ रहा था।
हम समझे वो बाबा रामदेव का कोई योग दोहरा रहा था।
पर सामने आने पर पता चला की आधुनिकता यही है।
घबराकर दूधवाले से पूछ बैठे ये दूध है या दही है।
लड़का मेरे पास आ कर कहने लगा की जनाब इन्टरनेट चलाना सिखा दो।
हमें भी मोडर्न लोगो की जमात में बैठा दो।
हमने पूछा क्या जरुरत पड़ गयी इसकी तुम्हे।
वो बोला चैटिंग करेंगे डेटिंग करेंगे इसलिए जरुरत है हमें।
तभी उसका छोटा भाई आकर बोला माँ की तब्यित खराब है घर आओ।
वो बोला माँ ने परेसान किया हुआ है, ठीक है आता हूँ तुम घर जाओ।
में बोला भाई इन्टरनेट तो बाद में सीख लोगे, पहले माँ को देखो।
वो बोला सिखाना है तो सिखाओ नहीं तो रास्ता देखो।
हम अच्म्बित हो गए उसकी बात सुनकर।
बैठ गए अपना माथा धुनकर।
की माँ का होश नहीं पर दोस्तों के साथ चैटिंग करना चाहता है।
हॉस्पिटल में माँ को दिखाने की जगह लड़की से नेट में सैटिंग करना चाहता है।
ये देख दिल मेरा घबरा रहा था ।
हाथ में मोबाइल कान में इअरफ़ोन लगाये एक लड़का आ रहा था .....................

Tuesday, March 23, 2010

khumaar

कुछ नया करना चाहते है हम, पुराना हटाकर।
८४ करोड़ देवता तो याद नहीं, ढोंगी बाबा की तस्वीर लगाते है, पूजा में सटाकर।
पुण्य कमा लेते है, अंधे व्यक्ति को सड़क पार कराकर।
पर बजट बिगड़ जाता है, माँ के चश्मे का बिल भराकर
माँ के हाथ का खाना खाने में हीख इन्हें आती है ।
और बाशी बअर्गेर पित्ज़ा देखकर ही भूख इन्हें सताती है।
बगल के किसन चाचा की दूकान जाने में शर्म इन्हें आती है।
और मल्टीप्लेक्स में अपनी चोरो के जैंसे जांच करा कर महंगा खरीदने में कोई आफत नहीं आती है।
कुएं के पानी को गन्दा कहते है।
और जो पिए रसायन युक्त मिनरल वाटर उसे बन्दा कहते है।
घरवालो के लिए टाइम नहीं, पर अमेरिका में चैटिंग से बिना देखे दोस्त की सुध लेते है।
भुज के भूकंप में सिर्फ अफ़सोस और साहरुख की अमेरिका में चेकिंग में दुःख लेते है।
घर के बने खाकी सूती कपडे ख़राब.और ब्रैंड सही है।
लडकियो के १० बॉयफ्रेंड है, टोकने में कहती है ट्रेंड यही है।
क्या लिखे जोशी(में) पुराना मिटाकर।
कुछ नया करना चाहते है हम पुराना हटाकर।